Monday, September 11, 2017

आरके सिंह बनाम रूडी!

(2.5 मिनट में पढ़ें )
EDITED BY : हरि शंकर व्यास 
बेचारे राजीव प्रताप रूडी। रूडी ही थे आरके सिंह को भाजपा में लाने वाले। आरके सिंह रिटायर होने के बाद सेकुलर कांग्रेस, लालू के यहां भाव मिलने की उम्मीद में थे। उनकी सियासी महत्वकांक्षा थी। पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथसिंह के राजपूत होने से उनको भाजपा में एंट्री मिली। ध्यान रहे बिहार के राधामोहनसिंह प्रदेश में राजपूत राजनीति करते रहे है। आरा संसदीय क्षेत्र राजपूत बहुल है। पर जमीनी आधार वाला वहां भाजपा राजपूत नेता नहीं था। सो खोज हुई। एक नाम आनंदमोहन सिंह का आया। जेल में बंद दंबग आनंदमोहन की पत्नी ने भाजपा नेताओं से बात की। लवली आनंद खुद राजनीति में हैं। धर्मेंद्र प्रधान, राजनाथ सिंह आदि से बात हुई। तभी राजीवप्रताप रूडी को लगा कि बिहार के राजपूत का मामला है तो वे ही इस बारे में राजनाथ सिंह से बात करेंगे। तभी उनके एक चंपू ने उन्हे बताया कि मैं आपकी आरके सिंह से मुलाकात कराता हूं। आनंदमोहन तो जमीनी नेता है। उसके परिवार की पार्टी में एंट्री हुई तो आगे आपकी राजनीति को खतरा होगा। रिटायर अफसर को टिकट दिलाएगें तो वह आपका वफादार रहेगा। सो राजीवप्रताप रूडी ने राजनाथसिंह के यहां आरके सिंह की हवा बनाई और टिकट दिलवा दिया। वे भगवा हो गए।
हवा में आरके सिंह जीत गए। नेता बन गए। पर लालू के सियासी जलवे में पारंगत हुए आरके सिंह की महत्वकांक्षा बढ़ी। विधानसभा चुनाव के वक्त अपने क्षेत्र में अपने चंपूओं के टिकट चाहे। वह नहीं हुआ तो बोल दिया कि टिकट बिक रहे है और मोदी- अमित शाह पर निशाना। फिर अपने को शत्रुध्न सिन्हा के साथ गोलबंद किया। हिसाब से मोदी-शाह के यहां रूडी का ग्राफ था। पर रूडी कुछ राजसी संस्कार लिए हुए हैं। सो जाने-अनजाने राजीव प्रताप रूडी ने ऐसे तेवर दिखाए कि मोदी-शाह के आगे अपने को नाकाबिल बनाया।
रूडी को हटाने का फैसला हुआ। राजपूत की जगह राजपूत ही लाना चाहिए और इस सोच में आरके सिंह मंत्री बने। कुछ जानकारों के अनुसार आरके सिंह को एकदम सीधे पॉवर जैसा बड़ा मंत्रालय स्वतंत्र प्रभार के साथ देना संभव है किसी औद्योगिक घराने की लॉबिंग से हुआ हो।
जो हो, पते की बात यह है कि रूडी बहुत होशियार बने थे। निराकार अफसर की वफादारी में आरके सिंह का टिकट करवाया। यह कल्पना नहीं की, सोचा नहीं कि मोदी –शाह को नेता नहीं अफसर चाहिए।
courtesy- www.nayaindia.com

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