Friday, September 8, 2017

लाखों शब्दों को बयां करती कश्मीर से आई यह तस्वीर

(एक मिनट में पढ़ें ) 

अंग्रेज़ी में एक कहावत है – 'an image is worth a thousand words' यानी जिस बात को कहने के लिए आपको हज़ार शब्द लंबा लेख लिखना पड़े, वह बात एक अकेली तस्वीर कह सकती है. या कभी-कभी, कोई इकलौती तस्वीर किसी जटिल मसले के सार को ऐसे बयां कर सकती है, जो लाखों शब्द भी नहीं कर सकते. लेकिन मुझे तो लगता है कि कश्मीर से आई एक तस्वीर ने वह बात कह दी है जिसको लाखों शब्दों में लिखा जाता तो भी कई लोग उसे नहीं समझते. कश्मीर के हालात को समझने - जानने के लिए मसूद हुसैन की बेहद जीवंत कला के अलावा और कहीं जाने की जरूरत नहीं. मसूद हुसैन की गिनती कश्मीर के बेहतरीन कलाकारों में होती है. अब तस्वीर पर गौर करें. पहली नज़र में देखने पर ऐसा लगता है कि एक बच्चा किसी पेड़ की उदार छाया तले, दो शाखाओं के बीच ढीले से बांधी गई चादर से बने पालने में सो रहा है. गौर से देखिए, वे शाखाएं नहीं हैं न ही कोई पेड़ है, वे स्वचालित बंदूकें और ग्रेनेड्स हैं, हथियार हैं, जो सोए हुए बच्चे पर छतरी की तरह तने हुए हैं. सचमुच, धरती के इस जन्नत में एक पूरी पीढ़ी ने बंदूकों के साए तले जन्म लिया है. वहीं अक्सर कश्मीर में सुरक्षाबलों के जवान को देख कर लगता है कि वे भारत के एक प्रांत में हैं लेकिन हालात वैसे ही हैं जैसे कि वे एक शत्रुदेश में हों. एक ऐसा अजीब नज़ारा है कि हमारा देश हमारे ही एक प्रांत के साथ युद्ध में झोंका रहा है. मसूद हुसैन की तस्वीरों में रंग नहीं होते क्योंकि गम में रंग का जगह कहां होता       

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