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निर्मला सीतारमण भले ही रक्षा मंत्री बन गयीं हों. लेकिन इसके विपरित उन्हीं की पार्टी के एक सांसद और रविवार को ही राज्य मंत्री बने नेताजी की अलग ही इच्छा थी. इस इच्छा को उन्होंने सार्वजनिक भी किया था. लेकिन, मोदी-शाह ने उनकी अभिलाषा पर पानी फेरते हुए निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बना दिया. यह सांसद व नये कौशल विकास मंत्री बने कोई और नहीं बल्कि अंनत कुमार हेगडे हैं. उन्होंने 26 अगस्त को ट्वीट करते हुए इच्छा जाहिर की थी कि नरेंद्र मोदीजी नीतीश कुमार को केंद्रीय सरकार में शामिल करते हुए रक्षा मंत्री बनाएं और सुशील मोदी को बिहार का कमान सौंपे. वैसे पांच बार के सांसद हेगडे का विवादों से पुराना नाता रहा है. डाॅक्टरों की धुलाई से लेकर विवदित बयानों व ट्वीट करने का. उन्होंने अपने कई ट्वीट में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिसे सार्वजनिक तौर पर बोला व लिखा भी नहीं जा सकता. एक धर्म विशेष को लेकर उनका नफरत चरम सीमा पर दिखता है. ट्विटर खोल कर Anantkumar Hegde @AnantkumarH के भीतर आप भी ताक - झांक कर सकते हैं.
निर्मला सीतारमण भले ही रक्षा मंत्री बन गयीं हों. लेकिन इसके विपरित उन्हीं की पार्टी के एक सांसद और रविवार को ही राज्य मंत्री बने नेताजी की अलग ही इच्छा थी. इस इच्छा को उन्होंने सार्वजनिक भी किया था. लेकिन, मोदी-शाह ने उनकी अभिलाषा पर पानी फेरते हुए निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बना दिया. यह सांसद व नये कौशल विकास मंत्री बने कोई और नहीं बल्कि अंनत कुमार हेगडे हैं. उन्होंने 26 अगस्त को ट्वीट करते हुए इच्छा जाहिर की थी कि नरेंद्र मोदीजी नीतीश कुमार को केंद्रीय सरकार में शामिल करते हुए रक्षा मंत्री बनाएं और सुशील मोदी को बिहार का कमान सौंपे. वैसे पांच बार के सांसद हेगडे का विवादों से पुराना नाता रहा है. डाॅक्टरों की धुलाई से लेकर विवदित बयानों व ट्वीट करने का. उन्होंने अपने कई ट्वीट में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है, जिसे सार्वजनिक तौर पर बोला व लिखा भी नहीं जा सकता. एक धर्म विशेष को लेकर उनका नफरत चरम सीमा पर दिखता है. ट्विटर खोल कर Anantkumar Hegde @AnantkumarH के भीतर आप भी ताक - झांक कर सकते हैं.
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