Friday, September 15, 2017

राजनीतिक अदावत ट्विटर से होते हुए अब मुकदमेबाजी तक पहुंच गई

(2 मिनट में पढ़ें )
कुछ दिन पहले तक तक छोटे भाई और बड़े भाई की जुगलबंदी थी. अटूट महागठबंधन था. लेकिन जैसे ही रिश्ते जुदा हुए नहीं कि दो-तरफा जुबानी जंग शुरू हो गई. चैनलों, अखबारों, प्रेस कांफ्रेंस, बाइट, ट्विटर, पोस्टर,... के बाद आखिरकार अब कानूनी जंग का आगाज हो ही गया. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को मीडिया का डार्लिंग बताने वाले सुशासन बाबू यानी सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें बदजुबानी के आरोप में कानूनी नोटिस भेज दिया है. लालू के अलावा विपक्ष के नेता व उनके पुत्र तेजस्वी यादव को भी नोटिस भेजा गया है. हालांकि राजद नेता फिलहाल ऐसे किसी नोटिस के मिलने से इंकार कर रहे हैं. नोटिस में दोनों राजद नेताओं से भागलपुर रैली में सृजन घोटाले को लेकर नीतीश कुमार के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर अपशब्द कहने के लिए सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहा गया है. नोटिस नीतीश कुमार के लंबे समय से अधिवक्ता मित्र रहे उदय कांत मिश्रा द्वारा भेजा गया है. नोटिस में कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर इसका का जवाब दें नहीं तो संबंधित कानूनी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी. उधर जब से राह अलग हुई है, तब से लालू प्रसाद ने ट्विटर के जरिए नीतीश कुमार के खिलाफ जबरदस्त मोर्चा खोल रखा है. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि ट्विटर पर लालू प्रसाद के 25 लाख फालोअर हो गये हैं. इस मामले में उन्होंने सुशासन बाबू के 17 लाख फालोअर से कहीं आगे निकल चुके हैं. 20 लाख फालोअर वाले क्लब में शामिल होने वाले लालू पहले बिहारी हैं. राजद सुप्रीमो के आधिकारिक आवास 10 सर्कुलर रोड पर आइटी की एक पूरी टीम काम करती है. इस टीम के अगुवा हरियाणा के संजय यादव हैं. हां, बगैर लालू के इजाजत व देखे बगैर कोई भी ट्वीट नहीं किया जाता.

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