Friday, September 15, 2017

इंजीनियर डे. सेलिब्रेशन से ज्यादा चिंतन!

(1.5 मिनट में पढ़ें )
यह खबर आपको सदमे में डाल सकती है.
भारत हर साल लगभग 30 लाख इजीनियर्स को तैयार करता है, जिसमें कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदी शामिल है. इन इंजीनियर्स को ही मानव जीवन में रचनात्मक बदलाव का श्रेय जाता है. ये सब हर साल आज का विशेष दिन उस शख्स के सम्मान में मनाते हैं जो भारत के सबसे अच्छे इंजीनियर्स में से एक थे. महान भारतीय इंजीनियर भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरय्या के याद में भारत में हर साल 15 सितंबर को ‘इंजीनियर डे’ मनाया जाता है. इसी दिन सर एम. विश्वेश्वरय्या का जन्म हुआ था. विश्वेश्वरय्या के प्रयासों से ही कृष्णराजसागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील व‌र्क्स, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फैक्टरी, मैसूर विश्वविद्यालय, बैंक ऑफ मैसूर का निर्माण हो पाया. लेकिन मौजूदा दौर की यह खबर आपको सदमे में डाल सकती है. देश को बेहतरीन इजीनियर्स तैयार करने वाले इंजीनियरिंग संस्था आईआईटी व एनआईटी भारी शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में 47 फीसदी फैकल्टी का पद रिक्त है. वहीँ सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्था आईआईटी में 37 फीसदी फैकल्टी की कमी है.  
वहीँ विभिन्न आईआईटी से वर्ष 2016 -17 के दौरान 889 छात्रों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में ड्राप आउट हुए. विभिन्न राज्यों में 23 आईआईटी कार्यरत हैं. 2020 तक आईआईटी में छात्रों की संख्या एक लाख करने की योजना है. देश भर में आईआईटी, एनआईटी, 3आईटी के अलावा लगभग 8547 प्राइवेट कॉलेज, 1557 सरकारी अनुदान प्राप्त कॉलेजों में लगभग 31 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

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