Monday, June 26, 2017

महागठबंधन की मियाद पूरी .........

बदला जितना पुराना होता है....उतना ही खतरनाक होता है

बदला जितना पुराना होता है....उतना ही खतरनाक होता है. रेस 2 का यह डायलाॅग महागठबंधन के दो धुरंधरों नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच सुनाई देता प्रतीत हो रहा है. 20 जुलाई, 2015 पटना के एसके मेमोरियल हाॅल में पूर्व सीएम एसएन सिन्हा के जन्मोत्सव कार्यक्रम में दोनों मंच को साझा कर रहे थे. सीएम नीतीश कुमार से ठीक पहले लालू ने माइक संभाला. 'पिछले लोकसभा चुनाव (2014 ) में राजद को 1.08 करोड वोट मिला. आपको (नीतीश) कितना मिला.' अगले 45 मिनटों में लालू एक के बाद एक शब्द बाण नीतीश पर चलाते गये. अपने चिरपरिचित ठिठोली वाले अंदाज में लालू ने कहा, 'हमने इन्हें सीएम बनाया है. हम इनको बिठाया है. यह महज एक बार का वादा है, दूसरी बार का नहीं (सीएम बनाने का). हमारे बीच मतभेद हैं, लेकिन नीतीश सीएम बने रहेंगे. हम इनको बनाया. जब बीजेपी ने इन्हें छोड दिया तो ये मेरे पास आये. मैंने इन्हें सीएम बनाया. मैने इनको पाॅवर दिया है. बीजेपी अब दिखा रही है कि मैंने कहा था कि नीतीश के पेट में दांत है. इस पर नीतीश ने कहा था मेरी दिलचस्पी केवल लाठी में तेल पिलाने में है.' इसके बाद नीतीश कुमार लालू के किसी बात का जवाब न देते हुए कार्यक्रम में अपनी बात रखी.
इसके बाद भी कई ऐसे मौके पर नीतीश कुमार खामोश रहे. लेकिन अब वह हर एक शब्द का जवाब देते दिख रहे हैं. लालू द्वारा आयोजित इफ़्तार पार्टी मेँ दोनों महज औपचारिकता बस गले तो मिले, लेकिन 35 मिनटों में एक दूसरे से बात तक नहीं की. नीतीश ने दो टूक कहा, कोविंद की उम्मीदवारी पर कोई बदलाव नहीं होगा. वहीं ऐतिहासिक भूल वाले लालू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, 'कोई क्या बोलता है, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता. हमने कोई फैसला लिया है उस पर डटेंगे.' आने वाले दिनों में दोनों के बीच तीखे डायलॉग डिलीवरी सुनने को मिलेंगे। (25.06.2017
और ऊपर लिखे के 24 घंटे के भीतर ही महागठबंधन की मियाद पूरी होती दिख रही है. बस चंद दिनों का इंतजार किजिए जल्द ही गठबंधन टूटने की ब्रेकिंग न्यूज सुनने को मिले. दोनो ओर से पहले आप तो पहले आप की नुमाइश हो रही है. साथ ही आवाम को बताने वाले तलाक के कारण तलाशे जा रहे हैं. तैयार रहिए एक और राजनैतिक ड्रामे के लिए.
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 बतौर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री कोरोनाकाल में अश्वनी चैबे की जिम्मेवारियां काफी बढ जानी चाहिए। क्योंकि आम लोग उनकी हरेक गतिविधियों खासक...