Thursday, July 19, 2018

देश में चुपचाप आने वाला गंभीर संकट --- जल संकट

आज ही लोकसभा में सांसद एडवोकेट जोएस जाॅर्ज के एक सवाल में संबंधीत मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने साफ तौर पर माना कि अगले 30 साल में देश में पानी की मांग उपलब्धता को पार कर जायेगी.
देश में 1137 बीसीएम बिलियन घन मीटर प्रति वर्ष है. फिलहाल जल की कुल आवश्यकता लगभग 800 बीसीएम है. देश में वर्ष 2050 में कुल जल की मांग 1180 बीसीएम आंकी गई है, जो जल की कुल उपलब्धता 1137 बीसीएम को पार कर जाएगी. 2001 और 2011 में प्रति व्यक्ति औसत जल उपलब्धता क्रमशः 1820 घनमीटर और 1545 घनमीटर आंकी गई थी. यानी 10 वर्षों में लगभग 300 घनमीटर की कमी. 2025 और 2050 में यह घटकर क्रमशः 1340 बीसीएम और 1140 बीसीएम हो सकती है.
नीति आयोग ने बताया है कि भारत अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है, जिसमें 60 करोड लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं और लगभग दो लाख लोग स्वच्छ जल की अनुपलब्धता के कारण प्रतिवर्ष मर रहे हैं. वर्ष 2030 तक देश में जल की मांग इसकी उपलब्ध आपूर्ति से लगभग दोगुना होने का अनुमान है.

Monday, July 9, 2018

कुछ सुगबुगाइए ना...

20वीं शताब्दी में कम्युनिज्म विश्व के तिहाई इलाके में पैठ बना कर वैश्विक पूंजीवाद को तगड़ी चुनौती दी. लेकिन, 21वीं शदी में लाल किला ढहा प्रतित हो रहा है. शायद लगभग पांच देशों चीन, क्यूबा, लाओस, उत्तरी कोरिया व वियतनाम में दमखम बचाखुचा रह गया है. हालांकि कई अन्य देशों में भी कम्युनिस्ट दलों को देखा-सुना जा सकता है. जैसे, अपने देश भारत में भी. बतौर, एक अल्पसंख्यक राजनीतिक दल के तौर पर. सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुनने वाली कम्युनिस्ट पार्टियां पानी के भाप की तरह उड गईं. ना कोई भीड, ना कोई आंदोलन. इनके कार्यालयों में जा कर देंखे- दिवारों पर महान नेताओं की तस्वीरें, तख्तों पर रखीं आदर्श किताबें तो दिख जाएंगी, लेकिन कुर्सियां खाली नजर आएंगी. इनके नताओं के घरों में जाकर देखें, वे अपनी दिनचर्या के काम-काज में मशगूल दिखेंगे. वहां भी आम आदमी नदारद. कोई आवाजाही नहीं. इन नेताओं से अगर सबसे ज्यादा कोई देश में नाखुश हैं, तो वह हैं हमारे बुजुर्ग. विलुप्त होने के कगार पर खडी हैं, कम्युनिस्ट पार्टियां. एक बुजुर्ग ने कहा, 'मैं यह नहीं कहता कि आज हमें 20वीं शताब्दी वाला कम्युनिज्म चाहिए, लेकिन मौजूदा हालात में कुछ अपेछाएं हैं...कुछ सुगबुगाइए ना...'

20 साल में 2 से 100

90 के दशक में देश के महज दो धन कुबेरों का नाम फोर्ब्स पत्रिका के सलाना दुनिया के सबसे धनिकों की सूची में शामिल हो सका था. और महज 20 सालों के बाद यह तीन अंकों को यानी 100 के आंकड़े को भी पार कर गया. इस मामले में अपने देश के धन कुबेर केवल अमेरिका, चीन और रुस से पीछे रह गये हैं. हाल ही में विश्व बैंक के एक अर्थशास्त्री इसके पीछे की वजह तलाशा है. उनके अनुसार, वजह- 'आय में भारी असमानता का तेजी से बढना'.
Book - “The Billionaire Raj: A Journey Through India’s New Gilded Age,” by James Crabtree. 
 

Friday, July 6, 2018

पहली बार एक हिन्दू बन सकता है, जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री.

कही सुनी -
पहली बार एक हिन्दू बन सकता है, जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री. इस रेस में भाजपा के डॉ. जितेंद्र सिंह सबसे आगे दिख रहे हैं. दो डिप्युटी सीएम सज्जाद लोन व इमरान अंसारी (पीडीपी नाराज गुट ) का नाम सामने आ रहा है.     

Thursday, July 5, 2018

बिगड़े हालात और तनाव के बीच कश्मीर आई दो और सकून भरी तस्वीर... #कश्मीरमांगेशांति#

1 कश्मीर के बांदीपुरा में एक सर्च ऑपरेशन के दौरान जे एंड के पुलिस के एक जवान को पानी पिलाती एक स्थानीय महिला. 


2. जे एंड के पुलिस का एक जवान प्यार से बच्ची का हांथ चूमते हुए.   

Tuesday, July 3, 2018

चाँद नवाब इज बैक

इस बार 'अपनों में ईद मानाने' नहीं बल्कि 'पान......... देखिए ना.........

Monday, July 2, 2018

सोशल साइट्स इस्तेमाल करने पर टैक्स!!!

यूगांडा के लोग जब कल यानी 01, जुलाई को सबेरे जागे तो वे अपने सोशल साइट्स जैसे व्हाट्सएप्प, ट्वीटर, फेसबुक, स्काईप आदि का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे. ऐसा क्यों ? दरअसल, वहां की सरकार ने 1 जुलाई से सोशल साइट्स के उपयोग करने पर टैक्स लगा दिया है. इससे पहले भी पिछले साल चुनाव के दौरान वहां की टेलीकाॅम नियामक संस्था ने चुनाव के दौरान सोशल साइटस पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके पीछे सरकार की मंशा फेक न्यूज पर नकेल कसने की और साथ ही युवाओं की बेशकीमती समय को बचाने की है. अपने देश में भी कुछ ऐसा  ....

मंत्रीजी, होम क्वरंटाइन में घुमे जा रहे हैं

 बतौर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री कोरोनाकाल में अश्वनी चैबे की जिम्मेवारियां काफी बढ जानी चाहिए। क्योंकि आम लोग उनकी हरेक गतिविधियों खासक...