90 के दशक में देश के महज दो धन कुबेरों का नाम फोर्ब्स पत्रिका के सलाना दुनिया के सबसे धनिकों की सूची में शामिल हो सका था. और महज 20 सालों के बाद यह तीन अंकों को यानी 100 के आंकड़े को भी पार कर गया. इस मामले में अपने देश के धन कुबेर केवल अमेरिका, चीन और रुस से पीछे रह गये हैं. हाल ही में विश्व बैंक के एक अर्थशास्त्री इसके पीछे की वजह तलाशा है. उनके अनुसार, वजह- 'आय में भारी असमानता का तेजी से बढना'.
Book - “The Billionaire Raj: A Journey Through India’s New Gilded Age,” by James Crabtree.
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