
नानी-दादी से कहानी सुनते-सुनते
स्वप्न लोक में खो जाना. बीच-बीच में उत्सुकता बस कुछ-कुछ पूछना. सोने से पहले का वैसा सुखद आनंद अबके बच्चों को शायद ही नसीब होता हो. एकल परिवार, घर से दूर...कई कारण हैं. लेकिन, अब फिर से वह सुनहरा दौर लौटता दिख रहा है. तकनीक के माध्यम से. नानी-दादी सी आवाज. कहानीवाली नानी यानी
बेंगलुरु की 61 वर्षीय सरला मिन्नी. अब आगे की कहानी उन्हीं की जुबानी. 'कहानी देखने-सुनने, खेलने आदि के लिए स्क्रीन (टीवी/मोबाइल)से चिपके बच्चों को देख पीड़ा होती थी. कई को कहानी सुनाने के लिए नानी-दादी नहीं होती हैं. इसलिए नानी-दादी वाली कहानी सुनने की बेशकीमती सौगात हर बच्चे तक पहुंचाने की इच्छा हुई. भतीजी पारुल रामपुरिया ने रिकार्डेड कहानी व्हाट्सएप ऑडियो जरिए भेजने का आइडिया दिया. पहले पहल कहानी रिकार्ड की गई. उसे दोस्तों व सगे-संबंधियों को भेजा गया. सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद 21 मार्च, 2017 को 'कहानीवाली नानी' की शुरुआत हुई. ज्यादातर लोक कहानी. एक ही कहानी के अलग-अलग वर्जन को पढना. कहानी की कई किताबें पढीं. इंप्रोवाइज कर बच्चों के लिए पसंदीदा बनाया. मानो जैसे उनकी नानी सामने बैठकर कहानी सुना रही हों. अभी तक देश सहित अमेरिका, ब्रिटेन, यूएइ, हांगकांग, थाईलैंड, आॅस्ट्रेलिया, जापान आदि में कहानीवाली नानी के लगभग तीन हजार सब्सक्राइबर हो चुके हैं. यह बिल्कुल फ्री सेवा है. कहानी वाली ऑडियो क्लिप 8-9 मिनट की होती है. कहानी बच्चों का अधिकार है.'
कहानीवाली नानी से अपने बच्चों को कहानी सुनवाने के लिए उनके व्हाट्सएप नंबर +91 8867615400 पर बच्चे का नाम, जन्म तिथि, भाषा (हिंदी/अंग्रेजी) सेंड करें. फिलहाल सप्ताह में एक बार कहानी भेजने की व्यवस्था है. या
www.kahaniwalinani.com इस लिंक पर जाकर भी सब्सक्राइब कर सकते हैं.
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