Monday, August 7, 2017

कैसे बचे बेटी, कैसे बढ़े बेटी, जब 85 फीसदी बेटी हो असुरक्षित


सीमा कुमारी 

इसी साल बीते मई महीने में हरियाणा के रेवाड़ी में आमरण अनशन पर छात्राएं बैठी थी. यह खबर याद है न आपको ! रेवाड़ी के खोल ब्लॉक के गांव गोठड़ा टप्पा डहिना की करीब 80 से ज्यादा छात्राएं 8 दिनों तक धरने पर बैठी हई थीं. इनकी मांग थी कि गांव के 10वीं तक के स्कूल का दर्जा बढ़ा कर सीनियर सेकेंडरी किया जाए जिससे कि वहां 12वीं तक पढ़ाई हो सके. छात्राओं को 10वीं से आगे की पढ़ाई के लिए कनवली स्थित स्कूल जाना पड़ता है. यह स्कूल इनके गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है. छात्राओं के मुताबिक उन्हें रोज स्कूल आने-जाने में छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है.   
इसी दौरान मई महीने में ही महिलाओं को सुरक्षा देने और यौन अपराधों पर नकेल कसने के लिए हरियाणा पुलिस ने एक आॅनलाइन मुहीम चलायी थी. इस मुहीम को नाम दिया गया था, यश (यूथ अंगेस्ट सेक्सुअल हरासमेंट). तब सूबे के डीजीपी बीएस संधु ने कहा था, पुलिस राज्य भर में महिलाओं के लिए घरों, सडकों व काम के जगहों को सुरक्षित बनाने की योजना पर काम कर रही है. इस मुहिम के तहत छेडखानी से बचाव के लिए चेतावनी, सीसीटीवी, सादी वर्दी में पुलिसबलों की तैनाती और सबसे ज्यादा माइंडसैट और व्यवहार में बदलाव के लिए व्यापक जागरुकता जैसे उद्देश्य निहित हैं. उस समय जनवरी से मार्च तक का अपराध ब्योरा देते हुए कहा गया था, उत्पीड़न के 118, यौन उत्पीड़न के 148, 3 निःवस्त्र, 51 पीछा करने, 26 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किये गये. एडीजीपी ओपी सिंह ने कहा था, वास्तविक स्थिति इससे भी खराब हो सकती हैं. क्योंकि महिला उत्पीड़न मामले दर्ज कराने का प्रथा बेहद कम प्रचलित है. पुलिस के इस सर्वे में 85 फीसदी युवतियों ने छेड़छाड़ की संभावनाओं से खुद को आशंकित बताया. जिसमें 24.4 फीसदी ने हमेशा, 38 फीसदी अधिकतर समय, 23 फीसदी कभी - कभार छेडछाड होने का भय जताया. 64 फीसदी युवतियों ने स्कूल, काॅलेज व कार्यालय से आते-जाते वक्त छेड़छाड़ होने की बात कही. वहीं 22 फीसदी ने पार्क, बाजार और कोचिंग सेंटर में छेडछाड की बात. अब जहां 85 फीसदी युवतियां खुद को असुरक्षित महसूस करे, वहां तो हजारों वर्णिका कुंडू होंगी. लेकिन हां उन्हें वर्णिका कुंडू की तरह आगे आना पड़ेगा. 

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