Saturday, September 2, 2017

पटना की पावर वुमनिया

(1.23 मिनट रीड )
'सबसे मुश्किल काम होता है घर चलाना और जब महिलाएं यह काम बखूबी कर रही हैं, तो वह कोई भी काम कर सकती हैं. महिलाएं पावर ग्रिड भी चला सकती हैं.' गर्व के साथ यह बात कहने वाली हैं, करबिगहिया ग्रिड की जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर अलका रानी. दरअसल, ऊर्जा विभाग (बिहार) के प्रवक्ता हरेराम पांडेय के अनुसार, पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित करबिगहिया ग्रिड देश का शायद पहला पावर ग्रिड है. इस ग्रिड में दो महिला इंजीनियर के अलावा नौ महिला ऑपरेटर तैनात हैं. इतना ही नहीं, इस ग्रिड के सुरक्षा का जिम्मा भी महिला सुरक्षाकर्मियों के हाथ में ही है. इस ग्रिड से पटना के महत्वपूर्ण इलाकों के फीडर्स को बिजली सप्लाई की जाती है. वहीं, ग्रिड की सहायक ऑपरेटर संगीता कुमारी कहती हैं, वक्त बदला है हम महिलाओं पर आज इतना भरोसा किया जा रहा है, यह बड़ी बात है. इस ग्रिड में केवल महिलाओं का ग्रुप होगा; यह जानकर बहुत ही अच्छा लगा और आश्चर्य भी हुआ. बहुत खुशी मिल रही है कि हमें यह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी मिली है.
जेई अलका के भरोसा जताते हुए कहती हैं, 'हमें अब यह साबित कर दिखाना है कि महिलाओं में भी उतनी ही पावर होती है. हम अच्छे से ग्रिड को संभाल सकती हैं, बिना किसी रुकावट के बिजली का प्रबंधन कर सकती हैं.' गौरतलब है की आज जहां करबिगहिया ग्रिड है, वहां कभी थर्मल पावर प्लांट हुआ करता था. पांच मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता था. गत 13 अगस्त को ग्रिड कर्मियों को सम्मानित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा था, 'ग्रीड का संचालन कोई मामूली बात नहीं है. इनका मनोबल कितना ऊंचा होगा, यह महसूस करने की चीज है. नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह प्रशंसनीय कार्य है.

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