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बीएचयू छात्राओं की जायज मांग पर शर्मनाक लाठीचार्ज के बाद यूनिवर्सिटी के वीसी जीसी त्रिपाठी के बारे में कई खबरें सामने आईं. लेकिन, उनसे जुडी हुई यह खबर नाफरमानी की एक बड़ी मिसाल पेश करती नजर आ रही है. यूनिवर्सिटी के नये वीसी की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन पर कुंडली मार कर बैठे हैं. दरअसल, गत एक अगस्त को ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हाइयर एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा नये वीसी की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश पत्र के तौर पर निर्गत किया गया था. विज्ञापन अखबारों सहित यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर चस्पा करने का आदेश दिया गया था. एक सज्जन हरिकेष बहादुर की शिकायत पर इस राज से पर्दा उठा. बहादुर के अनुसार, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार नीरज त्रिपाठी जानबूझकर विज्ञापन पर कुंडली मार कर बैठे रहे, ताकि नये वीसी की नियुक्ति में अनावश्यक विलंब हो. और नवंबर में समाप्त हो रहा उनका कार्यकाल बढा दिया जाये. त्रिपाठी रजिस्ट्रार बनने से पहले वीसी साहब के पर्सनल असिस्टेंट हुआ करते थे. इस प्रकरण पर यूनिवर्सिटी पीआरओ राजेश सिंह कहते हैं, हर कार्य विभागीय चैनल व निर्धारित मानदंड के आधार पर किया जाता है. इसलिए विलंब स्वाभाविक. हाइयर एजुकेशन डिपार्टमेंट के पत्र में कोई तारीख तो निर्धारित नहीं है.
बीएचयू छात्राओं की जायज मांग पर शर्मनाक लाठीचार्ज के बाद यूनिवर्सिटी के वीसी जीसी त्रिपाठी के बारे में कई खबरें सामने आईं. लेकिन, उनसे जुडी हुई यह खबर नाफरमानी की एक बड़ी मिसाल पेश करती नजर आ रही है. यूनिवर्सिटी के नये वीसी की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन पर कुंडली मार कर बैठे हैं. दरअसल, गत एक अगस्त को ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हाइयर एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा नये वीसी की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश पत्र के तौर पर निर्गत किया गया था. विज्ञापन अखबारों सहित यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर चस्पा करने का आदेश दिया गया था. एक सज्जन हरिकेष बहादुर की शिकायत पर इस राज से पर्दा उठा. बहादुर के अनुसार, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार नीरज त्रिपाठी जानबूझकर विज्ञापन पर कुंडली मार कर बैठे रहे, ताकि नये वीसी की नियुक्ति में अनावश्यक विलंब हो. और नवंबर में समाप्त हो रहा उनका कार्यकाल बढा दिया जाये. त्रिपाठी रजिस्ट्रार बनने से पहले वीसी साहब के पर्सनल असिस्टेंट हुआ करते थे. इस प्रकरण पर यूनिवर्सिटी पीआरओ राजेश सिंह कहते हैं, हर कार्य विभागीय चैनल व निर्धारित मानदंड के आधार पर किया जाता है. इसलिए विलंब स्वाभाविक. हाइयर एजुकेशन डिपार्टमेंट के पत्र में कोई तारीख तो निर्धारित नहीं है.
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