Friday, July 21, 2017

'क्योंकि हर कोई किसी का कोई है'

गुड न्यूज---- 'मिरकल मैसेज'. एक स्टार्ट अप ऐसा भी हो...

'मां मैं आपको मिस कर रहा हूं. मैं आपसे प्यार करता हूं. आपको देख कर खुशी होगी. दस साल हो गये, आपको देखे हुये.' एक वालंटियर अपने मोबाइल कैमरा से माइकल केली का वीडियो संदेश रिकार्ड कर रही है. इसी तरह पेरी थाॅनले का संदेश, 'मेरे बच्चों मैं आपको कई सालों से खोजने में असफल रहा हूं.' एक के बाद एक ऐसे कई संदेश. ऐसे न जाने कितने संदेश होंगे, जिनका इंतजार सडकों पर लावारिस हालात में भटकते लोगों और उनके परिवारों को होगा.
सैन फ्रांसिस्को की सड़कों पर दर - दर भटकते 15 लोग फिर से अपने परिवार से जुड़ने में कामयाब हो गये. इसके लिए सोशल मीडिया और एक स्वयंसेवी संगठन को धन्यवाद. 'मिरकल मैसेज'. एक स्टार्ट अप. बिछड़े परिवार के लिए एक प्यारा सा संदेश देता छोटा संक्षेप में वीडियो. इसके बाद लाइक, शेयर, काॅमेंट... मिलने - मिलाने का सिलसिला. 30 में से 15 मामलों में सफलता. यानी 50 फीसदी सफलता. वाकई में कमाल. मिरकल मैसेज के संस्थापक और सीइओ केविन एडलर के चाचा भी सिजोफेरनिया के कारण 30 सालों तक अपने परिवार से बिछड़कर लवारिस हालात में भटकते रहे थे. पहले पहल केविन ने यह प्रोजेक्ट प्रायोगिक तौर पर वर्ष 2014 में छुट्टियों के दौरान शुरू की थी. सैन फ्रांसिस्को की सड़कों पर भटकते लोगों को अपने परिवार के लिए संदेश देने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद इस काम में लोग वालंटियर के तौर पर भी जुड़ते चले गये. संबंधों में खट्टास, मानसिक बीमारी, शर्मिंदगी, खुद को किसी लायक न समझना, संपर्क सूत्र का न होना, कई अन्य बीमारी, गरीबी, उत्पीड़न, भय आदि कारणों से लोगों के घर से लापता होने के प्रमुख कारण हैं. इसमें सबसे बड़ा कारण सामाजिक सहायता न होना है. अब तो डीजिटल व तकनीक निरक्षरता भी कारण बनता जा रहा है. इन सब के बीच मिरकल मैसेज बेघर लोगों और उनके परिवार के बीच बेहतर सेतु का काम करने लगा है. तो क्या ऐसे में 'मिरकल मैसेज' जैसा स्टार्ट अप योजना अपने देश में शुरू नहीं होना चाहिए?
courtesy-Miraclemassage.org

No comments:

Post a Comment

इस खबर पर आपका नजरिया क्या है? कृप्या अपने अनुभव और अपनी प्रतिक्रिया नीचे कॉमेंट बॉक्स में साझा करें। अन्य सुझाव व मार्गदर्शन अपेक्षित है.

मंत्रीजी, होम क्वरंटाइन में घुमे जा रहे हैं

 बतौर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री कोरोनाकाल में अश्वनी चैबे की जिम्मेवारियां काफी बढ जानी चाहिए। क्योंकि आम लोग उनकी हरेक गतिविधियों खासक...