Tuesday, July 18, 2017

सौ हाथियों के बल वाली 'दिवाकर रूपा मुद्गिल'

'हमें उस जैसी बहुतों की जरुरत है.' पुड्डुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी के इस हौसला अफजाई वाले ट्वीट पर डी रूपा ने आभार जताते हुए लिखा, 'धन्यवाद मेम. आपके द्वारा समर्थन का एक शब्द सौ हाथियों की शक्ति प्राप्त करने जैसा है. राज्यपाल बेदी ने पीएमओ, मंत्री डाॅ जितेंद्र सिंह को टैग करते हुए लिखा है, 'मजबूती से आगे बढो. जहां कहीं भी पोस्टेड की जाये. देश के युवा तुम्हारी तरह बनना चाहेंगे, तुम इसकी प्रेरणास्रोत बनोगी. दरअसल, इन दिनों डी रूपा यानी दिवाकर रूपा मुद्गिल बेंगलुरू सेंट्रल जेल में बंद अन्नाद्रमुक नेता और जयललिता की करीबी रहीं वीके शशिकला के लिए स्पेशल किचन के कथित इंतजाम के लिए अपने बॉस से सार्वजनिक तौर पर उलझने के लिए सुर्खियों में हैं. जैसा हरेक ईमानदार अधिकारी के साथ होता है. इस आईपीएस अधिकारी का भी तबादला कर दिया गया है. रूपा से जेल विभाग के डिप्टी आईजी की जिम्मेदारी लेकर ट्रैफिक और रोड सेफ्टी विभाग में कमिश्नर का चार्ज दे दिया गया है. उनकी दो ट्वीट पर नजर डालें. पहला, 'If egg is broken by outside force, life ends. If broken by inside force, life begins. Great things always begin from inside.' और दूसरा, 'I have keys but no locks. I have space but no room. You can enter but cant go outside. What am i?' इन ट्वीट के जरिए किसी ईमानदार कर्तव्यपरायण अधिकारी की मनोदशा को समझा जा सकता है. पिछले वर्ष ही उन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया. मौजूदा मामला डी रूपा के लिहाज से कोई नया नहीं है. नौकरी के शुरुआती समय में बेंगलुरु की डीसीपी रहते हुए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सहित कई रसूखदार राजनीतिज्ञों के लिए जरुरत से ज्यादा तैनात सुरक्षा कर्मी व गाडियों को वापस कर लिया था. वैसे जेल डीआइजी रहते रूपा ने खासकर महिला कैदियों के लिए काफी अच्छा काम किया. तुमकुर जेल में बेकरी से सम्बंधित काम काज की ट्रेनिंग. जो कैदी खुद के बचाव के लिए वकील नहीं रख सकते उनके लिए मुफ्त में कानूनी मदद उपलब्ध करने की पहल की. पहली बार जेल में प्रवेश के समय कैदियों के लिए स्वास्थ्य जांच जैसी सुविधा. ताकि संक्रमण न फैले व गंभीर हाने से पहले बीमारी का इलाज संभव हो सके. देश में यह अनूठा प्रयोग साबित हुआ.
#Droopa

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