Thursday, October 26, 2017

आ गया है चुनाव

(3 मिनट में पढ़ें )
अब तो हिंदू - मुस्लिम की बातें होंगी ही. हिंदुत्व और इस्लाम खतरे में पड़ेंगे ही. मंदिरों में नेताओं की भीड़ बढ़ेगी ही. ज्योतिषी और बाबा चांदी काटेंगे हीं. अल्पसंख्यकवाद को बढ़ावा देने के नारे लगेंगे ही. आ गया है चुनाव. अब तो नेताओं की गरीबी हटाने की याद आएगी ही. विधवा पेंशन छात्रवृतियां बांटने का धंधा चलेगा ही. दारू बटेगी ही. कंबल, धोती, साड़ी, बटेगी ही. कट्टे बिकेंगे ही. समाजवाद याद आएगा ही. आश्वासन दिए और लिए जाएंगे ही. वोट करेंगे ही. फिर से छले जाने के लिए तैयार हो जाएंगे ही. आ गया है चुनाव. जाति एकता सम्मेलन होंगे ही. विकास की बातें होंगी ही. रोजगार देने का भरोसा दिया जाएगा ही. लोगों की तालियां नेता सुनेंगे ही. गांव - गांव की धूल नेता फाकेंगे ही. आ गया है चुनाव. हेलीकॉप्टर उड़ेंगे ही. डीजल फूंकेगा ही. सड़कों पर धूल उड़ेगी ही. सिद्धांत याद आएंगे ही. दल बदले जाएंगे ही. टोपिया पहनी और पहनाई जाएंगी ही. जो कल तक संतुष्ट थे उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह असंतुष्ट होंगे ही. गुंडों की पूछ बढ़ेगी ही. हथियार खुलेआम मिलेंगे ही. चुनाव आयोग सख्त दिखेगा ही. नेताओं की नींद उड़ेगी ही. कार्यकर्ता जमकर कमाएंगे ही. हर तरह के दलालों का हर दल में महत्व बढ़ेगा ही. आ गया है चुनाव. चुनाव को तो आना ही होता है. देश में लोकतंत्र है तो बेचारा वह आएगा ही. वोट देने के अधिकार का वोटर से इस्तेमाल कराएगा ही. बाद में जनता का जो हाल होना है वह होगा ही. नेता एयर कंडीशनर कार में चलेंगे ही. हवाई जहाज में उड़ेंगे ही. मजे करने वाले मजे करेंगे ही. जो रोते हैं वह रोते रहेंगेही. जिनकी पहले भी कोई नहीं सुनता था अब भी कोई नहीं सुनेगा ही. लोकतंत्र चलता है तो चलता रहेगा ही. उदारीकरण की गति बढ़ेगी ही. जहां देश के नेताओं के आका उनसे देश को ले जाने को कहेंगे वहां देश जाएगा ही. गरीब भी क्या करेगा अगली बार फिर से वोट देगा ही.... 

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