Monday, October 2, 2017

गांधीजी ने शास्त्रीजी से कहा, सिर्फ हमारे नाम का प्रचार किया जाता है.

(5 मिनट में पढ़ें )
बर्थडे बाॅय महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री आज सोमवार को स्वर्ग में मिले. दोनों के बीच बर्थडे विश के साथ कई मसलों पर कुछ लम्हे बातचीत के भी गुजरे. दोनों के बीच हुई बातचीत के अंश ...
गांधीजी - शास्त्री, जन्म दिन मुबारक हो. 113 साल के हो गये. बहुत खुब.
शास्त्रीजी - प्रणाम. आपको भी जन्म दिन मुबारक. आप भी 148 साल के हो गये. खैर, कुछ बदलाव देख रहा हूं. अब लोग आज के दिन आपके साथ मुझे भी याद करने लगे हैं. आप हमारी शक्ति और प्रेरणा रहे हैं. हमारे देश में किसी का व्यक्तित्व आपसे मेल नहीं खा सकता है. आप राष्ट्रपिता हैं.
गांधीजी - कोई नहीं. लाल. वास्तविकता में कोई भी हमारे लिए परवाह नहीं करता है. वे सिर्फ हमारे जन्मदिन पर दिखावा करते हैं. सिर्फ हमारे नाम का प्रचार किया जाता है. हमारे कहे पर कौन चल रहा है? आज मैं अपने देश के बारे में खुश नहीं हूं. देखो नीचे क्या हो रहा है? आज कौन राष्ट्र की अगुवाई कर रहे हैं? नेहरू, सरदार पटेल, तुम और उसके बाद इक्का-दुक्का ही प्रभावित कर पाए. क्या यह वही कांग्रेस है जिसे हमने एक दिन का नेतृत्व किया था?
शास्त्रीजी- सही कहा महात्माजी. आज लोग सस्ती लोकप्रियता हांसिल करने के लिए हमारे नामो का इस्तेमाल कर रहे हैं. लोग हमारे नामो के शिलालेखों और मूर्तियों पर पान थूक देते हैं. और आज के दिन इसे साफ कर देते हैं. आपके नाम पर योजनाएं चलाई जा रही हैं और भ्रष्टाचार किया जाता है. काले धन और घूस के लिए आपकी तस्वीर वाले नोटों का इस्तेमाल होता है. मेरे नाम पर एक क्रिकेट स्टेडियम बनाया है. इसमें आईपीएल खेला जाता है. चीयरलीडर्स...फिक्सिंग... ओह! क्या यही सम्मान है हमारे लिए?
गांधीजी - हार्ट-ब्रेकिंग. लाल.
शास्त्रीजी- संसद में बहस का स्तर कितना गिर गया है. जब जो चाहे ठप कर देता है. अगड़ा, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, धर्म के नाम पर राजनीति... महिलाओं का अनादर...
गांधीजी - पहले उदारीकरण. अब जीएसटी का झोल. लोग महंगाई की मार से त्रस्त. रोजगार नहीं. पहले भ्रष्टाचार पर मनमोहन सिंह मौन रहते थे. अब तो अत्याचार पर वाचाल मोदी भी. पता नहीं आम लोगों के लिए अच्छे दिन कब आएंगे?
शास्त्रीजी- जिंदगी ने कम मौका दिया. दो साल से भी कम. हरित क्रांति से लेकर देश में उभरे कई मतभेदों व मनभेदों को दूर करने सहित पाकिस्तान को सबक सिखा दिया. इन लोगों जितना समय मिलता तो...
गांधीजी - देश का नब्ज पकड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं. राहुल को कुछ लोग पप्पू कहते हैं! मोदी सपना ज्यादा दिखा रहे हैं. समाजवादियों और वामपंथी... 1956 में हुई रेल दुर्घटना पर तुमने इस्तीफा दे दिया था. मुंबई के लोग एलिफिस्टन स्टेशन पर एफओबी पर दुर्घटना की आशंका काफी पहले से जता रहे थे. और रेल मंत्री... तुमने जय जवान जय किसान का नारा दिया. आज एक के बाद एक किसान आत्महत्या कर रहे हैं. जवानों को धरना देना पड़ता है.
शास्त्रीजी- आपके अहिंसा के मार्ग पर चल के ही देश तरक्की करेगा. युवाओं से बहुत उम्मीद है. सब में सुधार हो यही मनोकामना है...
गांधीजी - यह उनके ऊपर है, लाल. मैं और तुम इतिहास हैं. हमलोग 2 अक्टूबर को भारत से मिलते हैं और वे सालो भर हमारे आदर्शों -सिद्धांतों का मजाक उड़ाते हैं. मेरी मूर्ति के आगे धरना देकर राजनेता ढकोसला करते हैं. हमें दिल से भुला दिया गया है. बस हम उनके खुरापाती दिमाग से याद किये जातें हैं. हमारे सपनों का भारत कब बनेगा?
शास्त्रीजी- अब छोड़िए महात्माजी. आज हमारा बर्थडे है. मिलके एक गाना गाते हैं. अच्छा चलता हूं, दुआओं में याद रखना, मेरे जिक्र का जुबां पे स्वाद रखना. दिल के संदूकों में मेरे अच्छे काम रखना ... बैरागी का सूती चोला ओढ़ के चला....
संदर्भ साभार -oneindia

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