Tuesday, October 10, 2017

और मैं कर भी क्या सकता था?

'तकरीबन डेढ़ घंटे सड़क सुरक्षा को लेकर चले एक जागरुकता कार्यक्रम के अभी कुछ चंद लम्हे ही गुजरे थे. यह आदमी (बाइक सवार ) परिवार समेत उस कार्यक्रम में शामिल था. उन्हें एक ही बाइक पर सवार देख, मेरा माथा सन्न रह गया. और मैं कर भी क्या सकता था? बस हताशा, असहाय और पूरे समर्पण के साथ हाथ जोडकर खडा हो गया. मैंने उससे अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखने का कहा. दोनों बच्चे पेट्रोल टैंक पर बैठे थे, जिसके कारण हेंडल मोडने में होने वाली परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है. दुर्घटना ऐसे ही तो घटती है. जब मैं उससे इस बारे में कह रहा था, तब वह मुस्कुराते हुए कुछ बड़बड़ा रहा था.'- बी सुभाष कुमार, अनंतपुर में सर्किल इंस्पेक्टर (आंध्र प्रदेश). बाइक सवार - हनुमनथरायडू.
source - kavitha Rao@iamKavithaRao (Journalist at TV9 Telugu)

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