Saturday, October 14, 2017

रावडी छात्रों को नहीं मिलता इनविटेशन@पटना यूनिवर्सिटी

(3 मिनट में पढ़ें ) 
1942, भारत छोडो आंदोलन के बीच पटना यूनिवर्सिटी का सिल्वर जुबली समारोह. कवि मैथिली शरण गुप्त आने वाले थे. आंदोलनरत छात्रों में समारोह को लेकर उत्साह चरम पर था. लेकिन यह क्या बिहार नेशनल कॉलेज यानी बीएन कॉलेज के छात्रों को इनविटेशन ही नहीं. बिहार के पूर्व मुख्य सचिव श्री एल दयाल तब बीएन कॉलेज के छात्र थे. Patna: A Paradise Lost! किताब में उनके हवाले से लिखा गया है,' कॉलेज का रेप्युटेशन सही नहीं था. कॉलेज के छात्रों को रावडी समझा जाता था. लिहाजा छात्रों को सिल्वर जुबली समारोह का इनविटेशन नहीं भेजा गया. प्रसिद्ध गांधीवादी रज़ी अहमद (तब छात्र) को किसी भी तरह इनविटेशन कार्ड छापने वाली जगह का पता चल गया. फिर क्या था. कुछ ले- दे के कुछ इनविटेशन कार्ड का जुगाड़ हो गया. और ऐसे हम समारोह में शामिल हो गये.' शताब्दी वर्ष में भी कुछ पुराने छात्रों मसलन लालू प्रसाद, यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा को इनविटेशन को लेकर विवाद हुआ. हालांकि, बाद में शॉटगन ने स्वीकार किया कि उन्हें इनविटेशन मिला लेकिन देर से.      
चीफ गेस्ट नहीं मिले 
पटना यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना का 100 वर्ष पिछले साल 2016 में ही पूरा कर लिया था. 'प्रभात खबर' के अनुसार,' उस वक़्त कुलपति प्रो. वाइसी सिम्हाद्रि दिल्ली में कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि की तलाश करते रह गए. और इसी कारण 2016 में शताब्दी वर्ष समारोह नहीं मना पाया.      
सन 1912 में बंगाल से अलग हो बिहार और ओडिशा राज्य अस्तित्व में आये. पटना के बुद्धिजीवियों ने राज्य में अपना एक अलग यूनिवर्सिटी की स्थापना की मांग की. तब तक बिहार के साथ ही ओडिशा के काॅलेज कलकत्ता यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आते थे. एक कमिटी गठित हुई. कमिटी ने मार्च 1914 में रिपोर्ट दी. पहले फुलवारीशरीफ में यूनिवर्सिटी भवन बनना था. लेकिन बाद में बदलाव कर दिया गया. पटना यूनिवर्सिटी एक्ट को लेकर भी आंदोलन की अपनी एक अलग कहानी है. आखिरकार, 1 अक्तूबर 1917 को पटना यूनिवर्सिटी अस्तित्व में आया. जेजी जेनिंग्स पहले वीसी बने और आजादी के बाद सुल्तान अहमद पहले वीसी बने. दसवां सबसे पुराना यूनिवर्सिटी के तौर पर भी जाना जाता है. यूनिवर्सिटी के द्वारा वर्ष 1918 में पहली परीक्षा आयोजित हुई.
परीक्षा                                  शामिल अभ्यार्थी                 पास अभ्यार्थी
मैट्रिकुलेशन                          3679                                   1696 
आईए                                    830                                     421
आईएससी                             156                                     109 
बीए                                       462                                     195 
बीएससी                                34                                        22 
एमए                                     10                                        6 
बीएड                                     12                                       11
फाइनल लॉ                            74                                       44

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