आज ही लोकसभा में सांसद एडवोकेट जोएस जाॅर्ज के एक सवाल में संबंधीत मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने साफ तौर पर माना कि अगले 30 साल में देश में पानी की मांग उपलब्धता को पार कर जायेगी.
देश में 1137 बीसीएम बिलियन घन मीटर प्रति वर्ष है. फिलहाल जल की कुल आवश्यकता लगभग 800 बीसीएम है. देश में वर्ष 2050 में कुल जल की मांग 1180 बीसीएम आंकी गई है, जो जल की कुल उपलब्धता 1137 बीसीएम को पार कर जाएगी. 2001 और 2011 में प्रति व्यक्ति औसत जल उपलब्धता क्रमशः 1820 घनमीटर और 1545 घनमीटर आंकी गई थी. यानी 10 वर्षों में लगभग 300 घनमीटर की कमी. 2025 और 2050 में यह घटकर क्रमशः 1340 बीसीएम और 1140 बीसीएम हो सकती है.
नीति आयोग ने बताया है कि भारत अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है, जिसमें 60 करोड लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं और लगभग दो लाख लोग स्वच्छ जल की अनुपलब्धता के कारण प्रतिवर्ष मर रहे हैं. वर्ष 2030 तक देश में जल की मांग इसकी उपलब्ध आपूर्ति से लगभग दोगुना होने का अनुमान है.
देश में 1137 बीसीएम बिलियन घन मीटर प्रति वर्ष है. फिलहाल जल की कुल आवश्यकता लगभग 800 बीसीएम है. देश में वर्ष 2050 में कुल जल की मांग 1180 बीसीएम आंकी गई है, जो जल की कुल उपलब्धता 1137 बीसीएम को पार कर जाएगी. 2001 और 2011 में प्रति व्यक्ति औसत जल उपलब्धता क्रमशः 1820 घनमीटर और 1545 घनमीटर आंकी गई थी. यानी 10 वर्षों में लगभग 300 घनमीटर की कमी. 2025 और 2050 में यह घटकर क्रमशः 1340 बीसीएम और 1140 बीसीएम हो सकती है.
नीति आयोग ने बताया है कि भारत अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है, जिसमें 60 करोड लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं और लगभग दो लाख लोग स्वच्छ जल की अनुपलब्धता के कारण प्रतिवर्ष मर रहे हैं. वर्ष 2030 तक देश में जल की मांग इसकी उपलब्ध आपूर्ति से लगभग दोगुना होने का अनुमान है.