Tuesday, March 13, 2018

गाली डॉट कॉम - राजनीतिक गालियों की ऑनलाइन शॉपिंग - क्रेडिट कार्ड से पैसे भरिए और गालियां ले जाइए

जिस प्रकार चुनावी मौसम में घर से गली तक और गलियों से लेकर संसद तक गालियों की बौछार चलती है, उसे देखकर लगता है कि मैं गालियों की ही दुकान खोल लूं. कौन सी गाली किस नेता पर फबती है, इस बात को ध्यान में रखते हुए गाली का स्टॉक रखूंगा, ताकि कोई भी लीडर अपनी पसंद से गाली खरीद सके और दूसरे नेता पर तीखी से तीखी गालियों से हमला कर सके. वैसे इस हाइटेक जमाने में ऑनलाइन शॉपिंग का बोलबाला है. सोचता हूं क्यों न ऑनलाइन गालियां सप्लाई करूं. क्रेडिट कार्ड से पैसे भरिए और गालियां ले जाइए. 
गालियो के लिए कुछ अच्छे कॉपिराइट रखने होंगे. इस पद के लिए हरेक मोहल्ले के छंटे हुए गालीबाजों को रखूंगा. गालियों की कई कैटेगरी होगी. एक श्रेणी होगी - पशुवाचक गाली. चुनावी मौसम में लोग जब बात करते हैं, तो उसमें ज्यादातर जानवर ही निशाना बनते हैं. जैसे कुछ लोग नेता को गिरगिट की उपाधी दे देते हैं. मेरा सुझाव है कि नये नये जानवर इसमें शामिल किए जाएं. जैसे कोई कहे कि हमारे विरोधी तो चुनाव के बाद डाइनासोर की तरह लुप्त हो जाएंगे. या कोई कहे कि अमुक दल अजगर की तरह सुस्त पडा है. काश ! जानवर भी मानहानि का मुकदमा दायर कर पाते. 
दूसरी कैटेगरी होगी - प्राचीन गालियों का. जैसे कोई किसी को रावण या कंस कह सकता है. तीसरी कैटेगरी होगी- हाईटेक गालियों का. यह सबसे महंगी होंगी. जैसे मान लिजिए किसी नेता के बारे में कहना है कि उनका तो दिमाग खराब है. इसके लिए कहा जाएगा कि उनका तो हार्ड डिस्क खराब है. अगर यह कहना हो कि जनता अमुक नेता को चुनाव में हरा देगी तो कहा जाएगा कि जनता उनको अनफ्रेंड कर देगी या ब्लॉक कर देगी.
 मैं एक जिम्मेदार नागरिक हूं, इसलिए मेरा भी यह उत्तरदायित्व बनता है कि मैं देश के नेताओं के लिए ऐसी गालियों का अविष्कार करूं, जो तेज धारदार हो और मारक हो. ऐसी गालियां जो सरकार द्वारा सर्टिफाइड हों और ज्यादा सोचना समझना भी न पडे. पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करें.

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