कोई बोले राम राम, कोई खुदाए
कोई सेवै गोसइयां, कोई अल्लाहे
कारण करम करीम, किरपा धार रहीम
कोई न्हावै तीरथ, कोई हज्ज जाए
कोई करे पूजा, कोई सिर निवाए
कोई पढ़े बेद, कोई कतेब
कोई ओढ़े नील, कोई सुपेद
कोई कहे तुरक, कोई कहे हिंदू
कोई बाछे बिश्त, कोई सुरगिंदु
कहो नानक जिन हुकुम पछाता
प्रभ साहिब का तिन भेद जाता (गुरु अर्जन देवजी )
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