Thursday, January 24, 2019

कभी राजकाज की समस्या खड़ी हो तब गांधी-परिवार से मार्गदर्शन ले लेना...

गांधी भाग-2
लालजी गांधी बड़े सुलझे हुए व्यक्ति थे. वह कुतियाणा महाल की ठेकेदारी बहुत ही ईमानदारी से करते थे. उनकी ख्याति सुनकर पोरबंदर के राजा ने उन्हें दफ्तरी नियुक्त किया. जूनागढ़ दरबार की इच्छा लालजी को छोड़ने की तो नहीं थी, परंतु उनकी उन्नति में बाधक भी बनना नहीं चाहा. लालजी गांधी के विदाई समारोह के अवसर पर कुतियाणा के वयोवृद्ध शासक ने अपने दरबारियों से कहा थ, ‘ मैं तो बूढ़ा हो गया. कब तक आप लोगों का मार्गदर्शन दे पाउंगा, पतानहीं. लेकिन इतना बही में लिख लो कि जब कभी तंत्र या राजकाज की समस्या खड़ी हो जाए तब गांधी-परिवार से मार्गदर्शन ले लेना. अचूक और सही मार्ग बता देंगे. यह थी गांधी-परिवार की प्रतिष्ठा.

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